जशपुर/सन्ना:- जशपुर जिले में विभिन्न प्रकार के मामले आते रहते हैं इसी बीच जशपुर के शासकीय प्राथमिक विद्यालय बलादर पाठ से सामने आ रही है जहां बच्चों के मुंह से उनका निवाला छीनने का प्रयास किया जा रहा है ।
आपको बता दें आये दिन जशपुर जिले के दुरस्त अंचल सन्ना क्षेत्र से चौकाने वाली तस्वीर सामने आते रहती है जहां भ्रष्टाचार से लेकर सरकारी रुपये का बन्दरबांट जैसे कई मामले पूर्व में भी सामने आए हैं।ठीक ऐसा ही एक मामला बगीचा ब्लाक के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ब्लादरपाठ(कन्दरई)से निकल आई है जहां माध्यान भोजन के नाम पर बच्चों को बिना दाल और हरी सब्जी के ही मात्र चना आलू की सब्जी और चावल पड़ोसा जा रहा है और मजबूर हो कर बच्चों को वही खाना भी पड़ रहा है।
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आपको बता दें कि बीते शनिवार को जब हम सन्ना क्षेत्र के बलादरपाठ गांव के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला ब्लादरपाठ(कन्दरई) पहुंचे तो वहां बच्चे मध्यान भोजन खा रहे थे हम ताज्जुब तो तब हो गये जब बच्चों की थाली में मात्र चना की सब्जी और चावल थी बच्चे उसी भोजन को खाने को मजबूर थे और खा रहे थे।आपको बता दें कि उसी स्कूल में मध्यान भोजन का लगा मेनू चाट में शनिवार को बच्चों को चावल,दाल, हरि सब्जी देना था परन्तु बच्चे उसी भोजन को करने पर मजबूर थे।यह भी बता दें की माध्यान भोजन स्कूली बच्चों को देने के पीछे सरकार की मंशा रहती है कि सभी बच्चे नियमित स्कूल आयें और पिछड़ी क्षेत्र के बच्चों को पौष्टिक आहार मिल सके।परन्तु ब्लादरपाठ जैसे दुरस्त अंचल पहाड़ी कोरवा बस्ती के बच्चों को इस तरह का आहार पड़ोसना चिंतनीय विषय है।
हालांकि इस मामले पर जब हमने वहां मौजूद स्कूल के शिक्षकों से बात किया तो उन्होंने कहा कि समूह के द्वारा राशन दिया जाता है और राशन काफी कम मात्रा में मिलता है उन्होंने बताया कि 60 किलो ग्राम दाल मिलना चाहिए परन्तु हमें मात्र 30 किलोग्राम दाल ही मिलता है वहीं बाकी नमक,मशाला,तेल भी काफी कम कम मिलता है जिसके कारण बच्चों को भोजन हमारे द्वारा सही तरीके से नही दिया जाता पा रहा है।
उक्त मामले को लेकर हमारे द्वारा बगीचा ब्लाक के शिक्षा अधिकारी मनीराम यादव से भी बात किया गया तो उन्होंने उक्त मामले को देखवाने की बात कह कर टाल दिया।हालांकि अब देखने वाली बात होगी कि आखिर पिछड़े इलाके के बच्चों को कब तक भोजन की दंश को झेलना पड़ेगा..?