जशपुर बगीचा:- जशपुर जिले के बगीचा जनपद के कामारीमा गांव में ग्रामीणों ने वन विभाग से वनों की बेतहाशा कटाई रोकने की मांग कलेक्टर से की है ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग ने जंगल में पुराने साल के पेड़ों को काटने की अनुमति दी है जिससे गांव के जंगल और चारागाह तबाह हो जाएंगे इस संबंध में दो दिन पहले ही ग्रामीणों ने बैठक कर इसका पंचनामा तैयार किया था ।
वहां के कुछ ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले कुछ सालों से जिले के पठारी इलाके में जंगल की कटाई जोरों से चल रही है इससे पर्यावरण और ग्रामीणों का जीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है
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जंगल के कटाई से इस इलाके से निकलने वाली ईद नदी जहां का उद्गम स्थल पंडरा पाठ के समीप है ग्रामीणों ने बताया कि पिछले साल सन्ना वन परिक्षेत्र में जंगल कम होने के बावजूद 4 करोड़ मूल्य की कूप कटाई करके विभाग अपना राजस्व बढ़ा लिया लेकिन कई हजार साल के विशाल पेड़ों की बलि भी दे दी गई उन्होंने कहा कि लकड़ियों को ले जाने के लिए इस्तेमाल किए गए ट्रैक्टर गांव की ओर जाने वाली सड़क को नुकसान पहुंचा रहे हैं
वहां के ग्रामीणों ने आगे बताया की दातुन पानी गांव में हजारों पेड़ों को काटने की तैयारी कर रहा है यहां स्थित पुष्पांजलि 121 नंबर के जंगल में पेड़ों को काटने के लिए पेड़ों पर चिन्ह भी बनाया गया है
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जंगल नहीं होने से हमें अपने पशुओं को चारा पानी देने में भी परेशानी होगी इससे हमें गांव से पलायन मजबूरन करना पड़ेगा इस इलाके में अभी से पेयजल का जलस्तर काफी नीचे चला गया है गांव में अगर जंगल कट गए तो पेयजल का भी संकट हो जाएगा इस इलाके में किस धीरे-धीरे खेती से जुड़ रहे हैं पानी की कमी से खेती में भी समस्या हो रही है
इस संबंध में सन्ना रेंजर विवेक सिंह ने बताया कि इतनी जल्दी पेड़ों को नहीं काटा जाएगा इसकी प्रक्रिया लंबी होती है विभाग को लंबे प्रक्रिया पालन करना होता है पुराने पेड़ों की कटाई से जंगल को कोई नुकसान नहीं होता है बल्कि पर्यावरण और जंगल के लिए यह अच्छा सिद्ध होता है