Chhattisgarh News/रायपुर :- छत्तीसगढ़ में विष्णुदेव साय की अगुवाई में नई सरकार के गठन के बाद प्रत्येक वर्ग को ध्यान में रखकर योजनाएं तैयार की जा रही है। इन योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन भी हो रहा है। लोगों को इसका लाभ मिल रहा है और प्रदेश सरकार के प्रति आम जन का भरोसा बढ़ा है। साय सरकार अब छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी केंद्रों का स्वरूप बदलने जा रहा है। इन आंगनबाड़ी केन्द्रों को ‘महतारी सदन’ के नाम से जाना जाएगा। इन केंद्रों में बच्चों के खेलने, पढऩे और खाने-पीने की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। रायपुर में टाटीबंध वार्ड में इस नए प्रोजेक्ट के तहत पहली आंगनबाड़ी का निर्माण होने जा रहा है। छत्तीसगढ़ में आंगनबाड़ी केंद्रों की तस्वीर अब बदलने जा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों को अब महतारी सदन के नाम से जाना जाएगा। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए इसमें खेल का मैदान, कक्षा-कक्ष और डाइनिंग एरिया जैसी सुविधाएं शामिल की जाएंगी। टाटीबंध के बाद पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के 20 वार्ड में करीब 68 लाख रुपए की लागत से ये नए भवन बनाए जाएंगे। बच्चों की बेहतर शिक्षा और देखभाल को ध्यान में रखते हुए यह पहल की जा रही है, जिसका लाभ स्थानीय परिवारों को भी मिलेगा।
हालांकि, नए प्रोजेक्ट के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों को सभी सुविधाओं से भरपूर किया जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों में खेलकूद, क्लासरूम, डाइनिंग एरिया जैसी अन्य सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएंगी। करीब 68 लाख रुपए की लागत से महतारी सदन का निर्माण किया जाएगा। पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने बताया कि टाटीबंध के बाद वे 20 वार्डों में महतारी सदन के नाम से 20 आंगनबाड़ी बनवाएंगे। महतारी सदन पूरे प्रदेश में आंगनबाड़ी की पुरानी अवधारणा को बदलने जा रहा है। रायपुर शहर के टाटीबंध वार्ड में इस प्रोजेक्ट के तहत पहली आंगनबाड़ी का निर्माण होगा।
वहीं, महतारी सदन एक ऐसा आंगनबाड़ी है जो मौजूदा आंगनबाडिय़ों से कहीं अधिक आधुनिक और सुविधा संपन्न होगा। इस नए मॉडल में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव सुविधा उपलब्ध होगी। बच्चों को स्वस्थ रहने के लिए खुला और सुरक्षित खेल का मैदान दिया जाएगा, जहां वे खुलकर खेल सकेंगे। ताज़ा हवा और प्राकृतिक वातावरण में खेलने के लिए एक सुंदर बगीचा (गार्डन) होगा। बच्चों के मानसिक विकास के लिए कई तरह के इनडोर गेम होंगे। बच्चों के अध्ययन और सीखने के लिए क्लास रूम उपलब्ध होंगे। साथ ही भोजन कक्ष (डायनिंग एरिया) जैसी कई अन्य सुविधाएं भी होंगी।
दरअसल, छत्तीसगढ़ में कुल 52 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केन्द्र हैं। इन केन्द्रों में इस माह के प्रारम्भ से माहांत तक राष्ट्रीय पोषण कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है। जिसमें ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि, मितानिन, 0 से 6 वर्ष के बच्चों के अभिभावकों को शामिल करते हुए महिला बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त रूप से प्रत्येक आंगनबाड़ी में कार्यक्रमों संचालित हो रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, सहायिकाएं प्रतिदिन आंगनबाडिय़ों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को पोषण माह में अपना सहयोग देने को कहा है। पोषण माह के दौरान इस वर्ष एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक पोषण आहार, पोषण भी और पढ़ाई भी, गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदाय हेतु तकनीक का प्रयोग और समग्र पोषण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। श्री साय ने कहा है कि जन समुदाय तक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता संबंधित संदेशों के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु 1 से 30 सितंबर तक पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है ताकि एक जन आंदोलन के रूप में सुपोषण की यात्रा में समुदाय की विभिन्न घटक सहभागी हो सके।
फिलहाल, महिलाओं-बच्चों को लाभान्वित करने के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ उन्हें पहुंचा जा रहा है। जैसे प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत जो माताएं लाभान्वित होने से छूट गई थी, उन्हें लाभ दिलाया जा रहा है। पोषक आहार पर दिए गए ज्ञान से गर्भवती महिलाओं के खान-पान में सुधार देखने को मिल रहा है। वे अब प्रोटीन को अपने आहार में शामिल कर रही हैं। आंगनबाडिय़ों में जन समुदाय की भागीदारी बढ़ी है। साथ ही साथ वजन त्यौहार भी मनाया जा रहा है जिसमें जनप्रतिनिधि भी शामिल होकर जनसमुदाय को स्वस्थ एवं पोषण के संबंध में जागरूक करने सामने आ रहे हैं और अपनी भागीदारिता निभा रहे हैं। राज्य में राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत डैशबोर्ड में अब तक 40 लाख 21 हजार 870 गतिविधियों की एंट्री की जा चुकी है।
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रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर