Holiday announced on 27 September Holiday : 27 सितंबर को छत्तीसगढ़ के सभी सरकारी कार्यालयों में कामकाज ठप रहेगा, क्योंकि शासकीय अधिकारी और कर्मचारी इस दिन अवकाश की घोषणा कर चुके हैं. इस निर्णय के बाद लोगों में हलचल मच गई है. यदि किसी को सरकारी दफ्तरों से संबंधित आवश्यक कार्य हैं, तो उन्हें 27 तारीख से पहले निपटा लेना चाहिए. कर्मचारियों ने इस अवकाश का कारण मोदी द्वारा की गई गारंटी के पूरे न होने को बताया है.
दरअसल, चुनाव के दौरान घोषित मोदी की गारंटी लागू न होने से नाराज सरकारी कर्मचारी आंदोलन की योजना बना रहे हैं. प्रदेशभर के सरकारी अधिकारी और कर्मचारी 27 सितंबर को कलम बंद, काम बंद, और तालाबंद हड़ताल का ऐलान कर चुके हैं. छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के पदाधिकारियों ने शनिवार को इस आंदोलन की रणनीति तैयार की. जानकारी के अनुसार, जिले के अधिकारी और कर्मचारी मोदी की गारंटी के तहत किए गए वादों को पूरा न करने पर 27 सितंबर को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करेंगे.
क्या है अधिकारियों और कर्मचारियों की मांगें?
फिलहाल, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के दुर्ग संभाग प्रभारी राजेश चटर्जी, जिला संयोजक विजय लहरे और प्रवक्ता अनुरूप साहू ने बताया कि प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता (डीए) दिया जाए, वर्ष 2019 से लंबित डीए की राशि को कर्मचारियों के जीपीएफ खाते में समायोजित किया जाए, चार स्तरीय वेतनमान की मांग की जाए, और अवकाश नगदीकरण को 240 दिनों के बजाय 300 दिनों तक स्वीकृत किया जाए. इन चार मुद्दों के समर्थन में 27 सितंबर को कलम बंद, काम बंद और तालाबंद हड़ताल आयोजित की जाएगी. फेडरेशन ने जिले के अधिकारी और कर्मचारियों से 27 सितंबर को एक दिन का अवकाश लेकर हिंदी भवन के सामने सुबह 11 बजे सामूहिक प्रदर्शन करने का आह्वान किया है.
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रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर