रोहित यादव ( प्रतापपुर ) :- प्रतापपुर से चंदौरा तक 14 करोड़ की लागत से बन रही सड़क क्षेत्रीय जनता के लिए एक बड़ी राहत साबित होनी चाहिए थी, लेकिन निर्माण में अनियमितताएं और भ्रष्टाचार की गंभीर शिकायतें सामने आ रही हैं। क्षेत्रीय विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते के अथक प्रयासों से इस सड़क की स्वीकृति मिली थी, लेकिन निर्माण की गुणवत्ता और ठेकेदारों की कार्यशैली ने लोगों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार की मिलीभगत से यह बहुप्रतिष्ठित परियोजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है।
रात में हो रहा डामरीकरण, नियमों की अनदेखी
सड़क निर्माण के नियमानुसार, डामरीकरण और पिचिंग का कार्य दिन के समय में किया जाना चाहिए ताकि निर्माण प्रक्रिया पर निगरानी रखी जा सके और गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके। लेकिन इस परियोजना में ठेकेदार द्वारा रात के अंधेरे में आनन-फानन में डामरीकरण का कार्य पूरा किया जा रहा है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि निर्माण कार्य में पारदर्शिता की कमी है और गुणवत्ता की अनदेखी हो रही है।
निर्माण में भारी अनियमितताएं
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सड़क के बेस निर्माण में मिट्टी का अत्यधिक उपयोग किया गया है, जबकि गिट्टी और डस्ट का प्रयोग मानकों के अनुसार नहीं हो रहा है। कई स्थानों पर बेस में बड़ी-बड़ी गिट्टियां खुली दिखाई दे रही हैं, जो सड़क की नींव की कमजोरी को दर्शाती हैं। इसका परिणाम यह हो सकता है कि सड़क भारी वाहनों का भार सहने में असमर्थ हो जाएगी और जल्द ही खराब हो जाएगी निर्माण की गुणवत्ता को लेकर स्थानीय निवासियों में नाराजगी बढ़ रही है। लोगों का कहना है कि अगर इस प्रकार की अनियमितताओं को नहीं रोका गया तो यह सड़क कुछ ही महीनों में क्षतिग्रस्त हो जाएगी। यह सड़क बनारस हाईवे से जुड़ने वाला मुख्य मार्ग है, जिस पर रोजाना भारी वाहनों का आवागमन होता है। ऐसे में इसकी गुणवत्ता का सही होना अत्यंत आवश्यक है, लेकिन ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत ने इस परियोजना को सवालों के घेरे में डाल दिया है।
पुरानी समस्याएं और नई उम्मीदें
यह सड़क पिछले एक दशक से जर्जर हालत में थी। बरसात के दिनों में यहां बड़े-बड़े गड्ढे बन जाते थे, जिससे आवागमन मुश्किल हो जाता था। विशेष रूप से स्कूली बच्चों और स्थानीय निवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इस सड़क पर बड़े गड्ढों के कारण दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ जाती थी। लगातार सुर्खियों में रहने के बाद, जब इस सड़क की मरम्मत और निर्माण का कार्य शुरू हुआ, तब लोगों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन निर्माण की अनियमितताओं ने फिर से लोगों की उम्मीदों को तोड़ दिया है।
जांच की मांग, प्रशासन से त्वरित कार्रवाई की उम्मीद
स्थानीय निवासियों और प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इस सड़क निर्माण की गुणवत्ता की जांच करना अत्यंत आवश्यक है। अगर जल्द ही इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो जनता के करोड़ों रुपए बर्बाद हो जाएंगे और सड़क की मरम्मत के लिए फिर से धन खर्च करना पड़ेगा। इस महत्वपूर्ण सड़क की मरम्मत और निर्माण कार्य में हो रही अनियमितताओं पर प्रशासन से त्वरित जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की जा रही है। प्रतापपुर से चंदौरा तक बन रही 14 करोड़ की सड़क क्षेत्र की जनता के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन निर्माण में हो रही अनियमितताएं और भ्रष्टाचार ने इसे विवादित बना दिया है। ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत से सड़क निर्माण में गुणवत्ता की अनदेखी हो रही है, जिससे स्थानीय लोग बेहद नाराज हैं। प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि इस मामले में जल्द से जल्द जांच कर उचित कदम उठाए जाएंगे ताकि यह सड़क अपनी पूरी क्षमता के साथ जनता की सेवा कर सके और क्षेत्र का विकास सुनिश्चित हो सके। इस सड़क में सबसे बड़ी बात यह है कि सूरजपुर जिला के अंतर्गत में आने वाली यह सड़क बलरामपुर पीडी डिविजनल वाड्रफनगर के अंतर्गत यह सड़क निर्माण किया जा रहा है। जिसका सर कहीं धड़ कही है। सूरजपुर जिले में वाड्रफनगर बलरामपुर प्ल्यूडीपी विभाग द्वारा कार्य कराया जा रहा है।
इस विषय में पी डब्लू डी एसडीओ विजय भारती ने बताया कि गुणवत्ता की जांच कराई जाएगी एवं आवश्यक कार्रवाई हेतु अधिकारियों को अवगत करते हुए कार्यवाही जांच होगी।