जशपुर/ कुनकुरी:/ नि :शुल्क ऑस्टियोपैथी शिविर का आयोजन कुनकुरी में संसदीय सचिव यू.डी. मिंज क़े प्रयास से कराया जा रहा है जो की बहुत जल्द शुरू होगा इससे जशपुर जिले क़े लोग स्वास्थ्य लाभ ले सकते है.ऑस्टियोपैथी में न तो महंगे टेस्ट हैं, न दवाइयां और न ही किसी भी प्रकार की शल्य क्रिया,
संसदीय सचिव यू.डी. मिंज ने बताया कि ऑस्टियोपैथी चिकित्सा भारत में बिल्कुल नया कॉन्सेप्ट है और भारत में इस औषधिहीन चिकित्सा प्रणाली द्वारा चिकित्सा की व्यवस्था पहले पहल आरोग्य मंदिर में की गई। आज इसकी विधिवत तालीम लेने के लिए जर्मनी, इंग्लैण्ड और अमेरिका तक जाना पड़ता है।ऑस्टियोपैथी मनुष्य के अस्थि-पंजर के जोड़-तोड़ मिलाकर रोग मुक्त करने की एक विधि है। इसके चिकित्सक परीक्षण से अस्थियों के स्थान का वास्तविक ज्ञान अंगुलियों से टटोलकर, रीढ़ व नाड़ी दाबकर स्थितियों का पता लगा कर चिकित्सा करते हैं।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य स्वास्थ्य और कल्याण संकाय ( ओस्टियोपैथी ) , श्री श्री विश्वविद्यालय छत्तीसगढ़ में ऑस्टियोपैथी स्वास्थ्य शिविर आयोजित करना चाहता है । इस शिविर में ओस्टियोपैथी क़े अंतिम वर्ष P.G छात्र निःशुल्क अस्थिरोग उपचार प्रशिक्षित ऑस्टियोपैथ के मार्गदर्शन में प्रदान करेंगे । इस कैंप का उद्देश्य ऑस्टियोपैथी को अच्छा क्लिनिकल एक्सपोजर प्रदान करना है । इंटर्न छात्रों के साथ – साथ प्रवेश के लिए ऑस्टियोपैथी कार्यक्रम बढ़ावा देना है. इसके लिए प्रस्तावित तिथियां- जून का दूसरा सप्ताह समय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक उपलब्धता और आवश्यकता के अनुसार दिनांक और समय निर्धारित किया जा रहा है । उन्होंने बताया कि ऑस्टियोपैथी ऑस्टियोपैथी एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त समग्र दवा मुक्त , गैर – आक्रामक , अत्यधिक प्रभावी मैनुअल चिकित्सा प्रणाली उपचार है इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति की शिकायतों के मूल कारण का पता लगाना और उसका उपचार करना है । श्री मिंज ने बताया कि केवल लक्षणों का इलाज करने के बजाय अन्य लक्षण को एकीकृत करके शरीर के समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित कर , मस्कुलोस्केलेटल , आंत और क्रानियोसेक्रल सिस्टम की शिकायतों के मूल कारण का इलाज करना है । यह एक संपूर्ण व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ में बिना किसी साइड इफेक्ट का इलाज है । यह शरीर के तरल पदार्थों को आकार दे कर सभी शरीर प्रणालियों में स्वास्थ्य में सुधार करता है और मस्कुलोस्केलेटल ढांचे को मजबूत करना उपचार का उद्देश्य सकारात्मक रूप से सुधार करता है । शरीर में परिसंचरण , तंत्रिका तंत्र को संतुलित करता है और लसीका के परिसंचरण में सुधार करता है । ऑस्टियोपैथी एक स्वास्थ्य केंद्रित विधि है । यह उपचारात्मक होने के साथ – साथ निवारक भी है । ऑस्टियोपैथी एक विश्वव्यापी स्वीकृत और मान्यता प्राप्त उपचार कार्यक्रम है तथा सफलतापूर्वक कई यूरोपीय देशों , उत्तरी अमेरिका , दक्षिण अमेरिका , कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में प्रचलित है ।
ऑस्टियोपैथी से पोस्ट COVID पुनर्वास ( प्रमुख अंगों के कामकाज में सुधार जो COVID में प्रभावित थे ), हार्मोनल मुद्दे ( पीसीओएस , गर्भाशय फाइब्रॉएड , थायराइड , मधुमेह प्रबंधन ), सिरदर्द ( माइग्रेन , साइनस सिरदर्द , तनाव सिरदर्द , TMJ दर्द ), पाचन संबंधी समस्याएं ( हाइपरएसिडिटी , जीईआरडी , आईबीएस , एनोरेक्सिया ),जिगर और गुर्दे के विकार अस्थमा , सांस लेने में कठिनाई , सीओपीडी साइनसाइटिस , एलर्जी,ऑटोइम्यून विकार और कम प्रतिरक्षा,चक्कर आना, पोस्टुरल और स्पाइनल डिसफंक्शन, खेल की चोटें, जोड़ों का दर्द और शरीर अकड़न,पुराना तनाव और अवसाद, पोस्ट ट्रॉमेटिक और पोस्ट सर्जरी ( किसी भी प्रकार के बाद अत्यधिक प्रभावी संचालन ) आदि का लाभ लोगों को मिल सकेगा