विपिन रावत के मौत के बाद एक बड़ा खुलसा उनके मौत के बाद सामने आया है हादसे के वक्त कहां जा रहे थे सीडीएस रावत? सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी और अन्य अधिकारी तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस वेलिंगटन के डिफेंस स्टाफ सर्विसेज कॉलेज जा रहे थे। लेकिन कुन्नूर के पास पहाड़ियों में खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह ही इकलौते जीवित बचे थे, लेकिन गंभीर रूप से घायल होने के कारण एक हफ्ते बाद उनका भी निधन हो गया।
जांच रिपोर्ट के क्या जानकारियां सामने आईं?
18वीं लोकसभा की परमानेंट कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2017-2022 के बीच ‘तेरहवीं रक्षा योजना अवधि’ के दौरानइंडियन एयरफोर्स में कुल 34 दुर्घटनाएं हुईं। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 9 दुर्घटनाएं हुईं। 8 दिसंबर 2021 का हादसा “मानवीय त्रुटि (एयरक्रू)” की वजह से हुआ। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि मौसम की अप्रत्याशित स्थिति के कारण पायलट ने दिशा भटकने (स्पेशियल डिसओरिएंटेशन) का सामना किया, जिसके चलते हेलीकॉप्टर पहाड़ियों से टकरा गया।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की बहादुरी
सीडीएस रावत का हेलीकॉप्टर उड़ा रहे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह हादसे में बुरी तरह झुलस गए थे। उन्हें वेलिंगटन से बेंगलुरु के आर्मी हॉस्टिल ले जाया गया, लेकिन एक हफ्ते बाद इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। स्थाई समिति की रिपोर्ट ने इंडियन एयरफोर्स में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की जरूरतों पर जोर दिया है। यह हादसा इंडियन आर्म्ड फोर्स के लिए एक बड़ा नुकसान था और इससे सबक लेकर आगे सुधार करने की सिफारिश की गई है ।
8 दिसंबर 2021 को क्या हुआ था?
जनरल रावत, उनकी पत्नी मधुलिका और 12 अन्य आर्म्ड फोर्सेस कर्मियों को लेकर Mi-17 V5 ने तमिलनाडु के कोयंबटूर में सुलूर एयरफोर्स बेस से वेलिंगटन में डिफेंस स्टाफ सर्विसेज कॉलेजों के लिए उड़ान भरी, लैंडिंग से कुछ मिनट पहले यह पहाड़ियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में सीडीएस जनरल रावत समेत 11 लोगों की मौत हो गई। शौर्य चक्र से सम्मानित ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जीवित बचे एकमात्र इंसान थे, लेकिन हफ्तेभर बाद इलाज के दौरान उनकी भी जान चली गई।