पत्थलगांव Latest News : जशपुर जिले के ऐसा ऐसा गांव का मोहल्ला आता है जो कि ना अंग्रेजी में लिखा जा सकता है ना ही हिंदी में बढ़िया से पढ़ा जा सकता है। इस गांव की मोहल्ला नाम भी बदला जाए, लोग आपत्ति उठाए हैं तो यहां(कोकियाखार….बारोढ़ोढा) वाले भी आपत्ति उठा रहे हैं नाम बदला जाए।
जशपुर जिले के पत्थलगांव तहसील के कोकियाखार ग्राम पंचायत के बारोढ़ोढा के किसी के आधार कार्ड पर पारा मोहल्ला का नाम सही नहीं लिखा हुआ है। इसलिए यह चाहत है कि इस मोहल्ला का नाम बदल जाए।
बता दें, लोग जैसा चाहते हैं वैसा मोहल्ला का नाम रखा जाए यह पूर्वजों की रखी हुई नाम है उसे बदला जाए। मोहल्ला एक छोटा सा चीज होता है उसका भी नाम बदला जाए लोग जो चाह रहे हैं वैसा मोहल्ला का नाम किया जाए।
छत्तीसगढ के एक गांव का नाम ऐसा है कि यहां के लोग गांव का नाम बदलने के लिए सीएम विष्णु देव साय से मांग कर रहे हैं. दरअसल, रायगढ़ और जशपुर जिले के अंतिम छोर पर एक ऐसा गांव है, जिसका नाम लेने से ग्रामीणों को जगह-जगह शर्मसार होना पड़ता है.
हालांकि, इस गांव का नाम टोनाहीनारा है, जो पत्थलगांव की सीमा से लगा कापू तहसील में है. यहां की महिलाएं का कहना है कि जब वे बाहर जाकर अपने गांव का नाम टोनाहीनारा बताती हैं, तो लोग हंसी उड़ाते हैं. स्कूल के बच्चे भी अपने शिक्षक और परिजनों से गांव का अजीबोगरीब नाम को लेकर जब सवाल करते हैं, तो उन्हें किसी से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल पाता है.
ये निकलता है टोनाहीनारा का मतलब
वहीं, छत्तीसगढ़ी बोली में ‘टोनही’ का अर्थ डायन होता है. यह शब्द ऐतिहासिक रूप से अंधविश्वास और उत्पीड़न से जुड़ा हुआ है और कानूनी तौर पर इसे एक अपशब्द के रूप में देखा जाता है. 2005 में टोनही उत्पीड़न अधिनियम आया था. असल में ‘टोनाहीनारा’ का मतलब है ‘चुड़ैल नहर’ निकलता है. इस गांव का नाम करीब 70 साल पहले एक महिला की रहस्यमयी मौत के बाद पड़ा, जिस पर जादू-टोना करने का संदेह था. टोनाही शब्द का इस्तेमाल अक्सर गाली के तौर पर किया जाता है, जिससे सबसे ज्यादा परेशानी महिलाओं को होती है.
महिलाओं को होती है खास परेशानी
दरअसल, गांव की महिलाओं का कहना है कि लोग उन्हें नीची नजर से देखते हैं और उनका मजाक उड़ाते हैं. पंचायत की एक महिला ने कहा, ‘जो लोग इस शब्द का इस्तेमाल करते हैं, उन पर छत्तीसगढ़ डायन-बिसाही अत्याचार (रोकथाम) अधिनियम, 2005 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है. लेकिन, जब गांव का नाम ही टोनाही के नाम पर हो, तो क्या किया जा सकता है.’
कई बार प्रशासन से लगा चुके हैं गुहार
फिलहाल, इस गांव का नाम बदलने के लिए शासन प्रशासन को बार-बार आवेदन देने के बावजूद ‘टोनाही’ टैग हटाने के लिए अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. ग्रामीणों ने बताया कि यह उपहास का कारण भी बन गया है. यह हमारे आत्मसम्मान और गरिमा को प्रभावित करता है. टोनाहीनारा नकारात्मक रूढ़ियों से जुड़ा हुआ है और हम गांव के बाहर के लोगों के साथ बातचीत करते समय शर्मिंदगी महसूस करते हैं. यह कलंक गांव के बच्चों को भी प्रभावित करता है, जो अपने मूल स्थान के अजीबोगरीब नाम को समझने के लिए संघर्ष करते हैं.