सौरभ साहू की रिपोर्ट
कोरिया बैकुण्ठपुर, दिनांक 24/04/2023 दिन सोमवार को छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में चर्चा कालरी के सुर्खियों में रहने वाले एसीसीईएल प्रबंधक और ठेका कंपनी टीएमसी के अधिकारी, कर्मचारी कि लापरवाही से आज गरीब परिवार का एक नौजवान जो अपने परिवार का पेट पालने वाले गरीब मजदूरी करके अपना जीवन यापन करने वाले गरीब परिवार के युवक व एसीईसीएल टीएमसी कंपनी ठेका कंपनी के द्वारा हमारे न्यूज़ चैनल के द्वारा गौमाता के मृत्यु होने पर एसीईसीएल प्रबंधक को मामले से मिलकर अवगत कराने के बाद भी ठेका टीएमसी कंपनी के लापरवाह अधिकारियों के मनमानी से आज एक युवक कि मौत हो गई जो कि ठेका कंपनी में कार्यरत कटगोड़ी का युवक था।। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बता दें कि चर्चा कटगोड़ी साफ्ट में ठेकेदारी साईड से कोयला का टुकड़ा गिरने पर मजदूर कि मौत हो गई।। घटना दिनांक 23/04/2023 दिन रविवार को रात्रि करीबन 10:30 बजे ठेका कंपनी के अधीनस्थ काम करने वाले युवक राजेश कुमार यादव, उम्र लगभग 33 वर्ष सर पर चोट लगने से मौत हो गई।।
मजदूर को तत्काल चर्चा कालरी के रीजनल हास्पीटल में लाया गया जो पहले से ईलाज और अच्छे डाक्टरो के साथ किसी तरह अच्छे ईलाज के अभाव का दंश झेल रहे।। रीजनल हास्पीटल के डाक्टरों के द्वारा मजदूर को मृत घोषित कर दिया।।
वहीं मामले को बढ़ता देख राजनीति रोटी सेकने वाले नेताओं के साथ एसीसीईएल के अधिकारी कर्मचारियों का जमावड़ा लग गया।। सुबह मामले कि जानकारी मिलने पर कटगोड़ी साफ्ट में काम करने वाले सभी मजदूरों के द्वारा मजदूर के मौत ठेका मजदूर कि मौत पर पर विरोध करते हुए। मृत युवक के मौत पर ऊसके परिवार जनों के लिए मुवावजे मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया।। जिस दौरान, एससीईएल प्रबंधक,पी.के मंडल टीएमसी कंपनी के लापरवाह अधिकारी कर्मचारियों सहित एससीईएल प्रशासन ने मजदूरों से वार्ता करते हुए मुवाजा देने कि बात कही,,।। जिसमें टीएमसी कंपनी के अधिकारी ने बताया कि शुद्धी करण के लिए तत्काल 25, हजार रुपए, नगद दिया और आगे आश्वासन देते हुए, कि 15 लाख रुपए कि बीमा राशि मृत युवक कि पत्नी गायत्री को दिया जाएगा।। अतिरिक्त 16 लाख 18 हजार 300 रुपए कुछ महीनों बाद मृतक कि पत्नी को दिया जाएगा।। लेकिन हैरानी की बात यह है कि हमारे द्वारा बार-बार न्यूज़ चलाने के बाद भी आज तक टीएमसी के एसईसीएल कंपनी के अधिकारी कर्मचारियों ने इस मामले को पहले गौ माताओं की मृत्यु के समय अगर कोई उचित फैसला हुआ होता तो आज शायद इस तरह एक मजदूर की जान जाती और जैसा की चर्चा एसईसीएल मैं यह दूसरी मजदूर की मौत है वह भी इस साल के अंतराल के दौरान।। या फिर इसी तरह बेजुबान जानवरों से लेकर मासूम मजदूर परिवार के लोगों की जान के लिए कभी कोई ठोस कदम उठाए जाएंगे,या फिर इसी तरह मौत का सिलसिला जारी रहेगा।।