सारंगढ़/सरसीवां। जिला सारंगढ़ बिलाइंगढ के अंतर्गत आने वाले वन परिक्षेत्र बिलाईगढ के वन परिक्षेत्र कक्ष क्रमांक 457 से मिली जानकारी अनुसार हरदी में बुधवार तडक़े सुबह 4 बजे के आसपास गजाईभावना के जंगलों से चलते हुए किसानों के बोये फसलों को नुकसान पहुचाते हरदी गांव के तालाबों में पानी पीने करीब 24 हाथियों का दल पुन: पहुंच गया है। हाथियों का दल अंचल से जाने को तैयार ही नहीं हो रहा है। हर 15 से 20 दिनों में यह दल कभी सारंगढ़ तो कभी बिलाईगढ़ के जंगलों में आना जाना कर रहे हैं। इस तरह बार बार हाथियों के आने जाने से किसानों की खेत में लगी फसल बर्बाद हो रही है। हाथियों के इस दल को सुबह सुबह मार्किंग वाक वालों ने देखा। हाथियों के दस्तक से ओर हाथियों के चिंहाड़ को सुनकर दूर रहकर हाथियों पर अपनी नजर बनाए हुए थे जबकि सरसीवां सरायपाली रोड में हमेशा चार पहिया वाहनों का आना जाना लगा रहता है। तालाब पास हाथियों को गाडिय़ों के लाइट से वाहन चालक देख रहे थे। सरसीवां सरायपाली मुख्य मार्ग के रोड किनारे बसा हरदी गांव जहां हाथियों ने रोड क्रास कर पास तालाब पर पानी पीते लोगों ने देखा फिर वापस खेतों में लगे धान के फसलों को नुकसान पहुंचाते हरदी के जंगलों के ऊपर चलें गये। हरदी गांव में एक बार फिर से हाथियों के आने की खबर से किसान चिंतित हो गये है। जबकि विगत दो महीनों में हाथियों का दल तीसरी बार हरदी गांव के जंगल में आया हे। बुधवार सुबह हाथियों का दल गजाईभवना के जंगल के रास्ते हददी ओर मोहतरा गांव के पठारी के निचले हिस्से में पहुंच कर किसानों के खेतों में लगे कई एकड फसलों को चोपट कर गये। हाथियों द्वारा बाडियो में लगे सीमेंट पोल के खम्भे ओर किसानों द्वारा गोल घेरे तार को भी नुकसान पहुंचाया। हाथियों के दलों ने बहुत सारे किसानों के खेतों के फसलों को रौंदते हुए तहस नहस कर दिया। हरदी गांव के किसान फुलेसर साहू ने अपना दर्द बयां करते बताया कि मेरी खेत सडक़ किनारे लगी है जहां हाथियों का आने जाने का रास्ता बन गया है। आये हुए हाथियों के दलों ने एक एकड़ खेत में लगे धान के फसलों को नुकसान पहुंचाया है किसान फुलेसर ने आगे बताया कि हाथियों का बार बार आने जाने से किसानो क फसलों को नुकसान पहुंचा रहे है।