सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिला प्रभारी सुरेंद्र शर्मा ने सर्किट हाउस में प्रेस वार्ता लेते हुए बताया कि – नरेन्द्र मोदी की सरकार देश की सबसे विश्वसनीय यात्री सेवा रेलवे सुविधा को समाप्त करने का साजिश रच रही है। वर्षों से भारतीय रेलवे आम जनता का भरोसेमंद, सस्ता और सुलभ परिवहन का पर्याय हुआ करता था जिसे मोदी राज में रेलवे की विश्वसनीयता को खत्म करके निजी हाथों में बेचने का षडय़ंत्र रचा जा रहा है। बिना कोई कारण बताये, बिना किसी ठोस वजह के यात्री ट्रेनों को अचानक रद्द कर दिया जाता है। रेलवे द्वारा यात्री ट्रेनों को महिनो हफ्तों तक बंद करने का फर्मान जारी कर दिया जाता है महिनों पहले यात्रा की योजना बना कर रिजर्वेशन कराये नागरिकों की परेशानी से रेलवे को और केंद्र सरकार कोई मतलब नहीं रहता है। रेलवे यात्रियों के लिये कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं करती है। देश की आजादी के बाद ऐसी स्थिति केवल मोदी सरकार में आई है। जहां रेलवे की यात्री सुविधायें इतनी ज्यादा खस्ताहाल हो गयी है। यात्री ट्रेनों को जानबूझकर रद्द किया जाता है, कभी कोयले के आपूर्ति के नाम पर कभी कोई और कारण बताकर विश्वसनीय यात्री सेवा भारतीय रेल को बदनाम करने की साजिश है ताकि – लोग रेलवे से ऊब जाये और रेल को भी मोदी अपने उद्योग पति मित्रों के हवाले कर सके। मोदी सरकार के पहले की केंद्र सरकार घाटा उठाकर भी रेलवे सुविधाओं का विस्तार करती रही। आजादी के बाद से रेलवे का अलग बजट बनाया जाता था, लेकिन मोदी सरकार रेलवे की यात्री सुविधाओं को समाप्त कर इसे सिर्फ माल वाहक बनाना चाहती है और बाद में रेल को निजी हाथों में सौंपा जा सके इसका रास्ता बना रही है। वर्ष वार निरस्त हुई ट्रेनों की पूरी जान कारी वर्ष 2020 में 32757 ट्रेनें निरस्त की गई।पिछले साढ़े तीन साल में 67382 ट्रेनों को रद्द किया गया. आर टी आई से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2022 में 2474 ट्रेनें निरस्त की गई। वर्ष 20 21 में 32151 ट्रेनें निरस्त की गई। वर्ष 2023 में (अप्रैल माह तक) 208 ट्रेनें निरस्त की वर्तमान में 24 ट्रेनें अगस्त 2023 के अंतिम तक रद्द की गयी है। भाजपा राज में रेलवे में मिलने वाली बुजुगों की छूट खा गए, छात्रों को मिलने वाली रियायत खा गए किराए में बेतहाशा वृद्धि, प्लेटफार्म टिकिट तक में कई गुना वसूली, दैनिक यात्री सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी, पढाई करने वाले छात्र – छात्राएं कामगार नौकरीपेशा आम यात्री सभी मोदी राज में उपेक्षा पीडि़त और प्रताडि़त है छग के लाखों रेल यात्रियों, छोटे कामगार, नौकरीपेशा, छात्र छात्राएं ,स्टेशन के कुली और आटो चालकों की समस्या पर भाजपा नेता मुंह में दही जगाकर बैठे हैं। मोदी शाह के अधिनायकवाद के डर से वरिष्ठ भाजपा जन प्रतिनिधि भी जनता के प्रति अपने कर्त्तव्य निभाने से भाग रहे है। बिलासपुर रेलवे जोन जिसके अंतर्गत छग आता है यहां से केवल माल भाडे से केंद्र की मोदी सरकार 200 00 से 22000 करोड़ रुपए हर साल कमाती है लेकीन जब सुविधा देने की जब बारी आ रही है तो विगत 9 साल से मोदी राज में छग के रेल यात्रियों को केंद्र की उपेक्षा ही मिली है। भाजपाई बताए कि – छग के यात्रियों से आखिर किस बात का बदला ले रही है मोदी सरकार ?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दर्जनों बार देश के प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को छत्तीसगढ़ से गुजरने वाली ट्रेनों के संचालन की व्यवस्था को दुरुस्त करने अनेकों पत्र लिखा है लेकिन छत्तीसगढ़ के प्रति केंद्र की उपेक्षा, भेदभाव और अव्यवस्था यथावत जारी है। केंद्र की मोदी सरकार को देश भर में सबसे ज्यादा कमाई करके देने वाले बिलासपुर जोन, जिसके अंतर्गत पूरा छग आता है वहीं के यात्रियों को सुविधा से वंचित व उपेक्षित रखा जा रहा है। भाजपाई बताए कि अचानक दर्जनों ट्रेनें निरस्त करके प्रताडि़त करने का कारण क्या है? पूर्ववर्ती सरकारें रेल्वे को नागरिकों की सुविधा के लिये चलाती थी. मोदी सरकार कमाने के लिये। जनता को लूटने के लिये इस्तेमाल कर रही देश भर में कोरोना के सारे प्रतिबंध हटा दिये गये लेकिन रेल्वे कोरोना के नाम पर जनता को मिलेन वाली सारी सुविधायें बंद कर दिया। वृद्ध. विकलांग, छात्रों की सुविधायें हटा दिया। रेल्वे स्टेशन पर टिकिट बिक्री बंद कर टिकिटों के दाम बढ़ा दिया गया। भाजपा और केंद्र दावा करता है कि – मेन्टेनेंस के कारण ट्रेन रद्द होती है। ट्रेन मेन्टनेस के कारण ट्रेनों को रद्द किया गया है तो फिर उसी रेलवे ट्रेक पर माल गाडिय़ों का परिचालन कैसे किया जा रहा है , न सिर्फ मालगाडियों का परिचालन किया जा रहा उनकी संख्या दोगुनी भी कर दी गयी है। छग की धरती रत्नगर्भा है। हमारे यहां कोयले का प्रचुर भंडार है। इसका मतलब यह तो नहीं कि खामियाजा प्रदेश की जनता भुगते। जिन मार्गो पर ट्रेनों को बंद किया गया वहां पर दूसरी ट्रेन चलेगी। धडल्ले से मालवाहन ट्रेन भी चलेगी। फिर शेष ट्रेनों को चलाने में क्या परेशानी होगी? जब सवारी ट्रेनों से 50 गुना ज्यादा वजन लेकर माल गाडियां चल सकती है तब सवारी गाड़ी को ही क्यों बंद किया गया?
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव बिलासपुर से सांसद है, प्रदेश की जनता ने केंद्र चुन कर भेजा है लेकिन ये जनता के प्रति अपना धर्म निभाने में पूरी तरह से नाकाम रहे है। देशभर में ज्यादा पीडित, प्रताडित, उपेक्षित बिलासपुर जोन के ही छग के रेल यात्री हैं। गत सवा 3 साल के भीतर छग से गुजरने वाली 67 हजार से अधिक ट्रेनें निरस्त की गई , लेकिन दलीय चाटुकारिता में छग से लोकसभा के लिए चुने गए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित 9 – 9 सांसद मौन क्यों है? इस कार्यक्रम में प्रभारी सुरेंद्र शर्मा, जिला अध्यक्ष अरुण मालाकार, वरिष्ठ कांग्रेसी रामावतार अग्रवाल, विधायक उत्तरी जांगड़े, नपा अध्यक्ष सोनी बंजारे, जपं अध्यक्ष मंजू मालाकार, पार्षद सरिता गोपाल, प्रभा तिवारी, किरण नंदू मल्होत्रा, सरिता शंकर चंद्रा, शांति मालाकार, गनपत जांगड़े, संजय दुबे, सूरज तिवारी, शरद यादव, परमानंद पटेल, बिंदल सरदार राधे जायसवाल, महेंद्र गुप्ता, अभिषेक शर्मा , राजकुमार अग्रवाल, अजय बंजारे, अरुण यादव गुड्डू, राकेश पटेल ,दिलीप बरेठा, रविंद्र नंदे ,गोल्डी नायक के साथ ही साथ सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।