छत्तीसगढ़ के जिला शिक्षा कार्यालय जशपुर में संलग्नीकरण में हुई गड़बड़ी के बाद अब समयमान वेतन निर्धारण में भी अनियमितता का मामला सामने आया है। विभाग के कार्यालय सहायकों ने इसकी शिकायत जिला शिक्षाधिकारी नरेन्द्र सिन्हा से करते हुए जांच की मांग की है।
जानकारी के मुताबिक, सौपें गए ज्ञापन में विभाग के कार्यालय सहायकों ने बताया कि सरकार द्वारा निर्धारित नियम के अनुसार 10 साल की सेवा अवधि पूरा करने वाले नियमित कर्मचारियों को समयमान वेतन का लाभ दिया जाता है। लेकिन जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय से 25 मई को जारी किए गए आदेश में विभाग के सिर्फ तीन कार्यालय सहायक दीपक कुमार महतो, प्रदीप कुमार नायक और दिलीप कुमार राम को प्रथम समयमान वेतन का लाभ दिए जाने का आदेश जारी किया गया है।
बता दें कि, शेष ई और टी वर्ग के नियमित कार्यालय सहायक को इसका लाभ नहीं दिया गया है और ना ही इसका कारण बताया गया है। जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय की ओर से जारी किए गए इस आदेश को लेकर कर्मचारियों ने नाराजगी व्याप्त है। वहीं,जिला शिक्षाधिकारी नरेन्द्र सिन्हा का कहना है कि इस मामले की जांच के बाद ही बताया जा सकता है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ।
▪️संलग्नीकरण का मामला मिल रहा है सुर्खियां
फिलहाल, इन दिनों जिला शिक्षा कार्यालय शिक्षकों के मनमाने ढंग से किए गए संलग्नीकरण को लेकर मिडिया में जमकर सुर्खियां बटोर रहा है। प्रदेश के शिक्षा सचिव डा. आलोक शुक्ला के संलग्नीकरण समाप्त कर मूल पद पर वापस भेजे जाने के स्पष्ट आदेश के बाद भी जिले में इसका पालन नहीं हो पाया है। 117 शिक्षक छात्रावास अधीक्षक के पद पर जमे हुए हैं।
दरअसल, बात तो यह है कि मूल पद को छोड़ कर दूसरे विभाग और स्कूलों व संस्थाओं में सेवा दे रहे शिक्षकों का सही आंकड़ा भी जिला शिक्षा कार्यालय के पास उपलब्ध नहीं है। मामला के तूल पकड़ने पर प्रभारी डीईओ नरेन्द्र सिन्हा ने एक आदेश जारी कर जिले के सभी बीईओ व प्राचार्यो को संलग्न किए गए शिक्षकों को मूल पद पर वापस भेजने और इसकी जानकारी कार्यालय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिए है।
“ज्ञापन के माध्यम से इस मामले की जानकारी प्राप्त हुई है। संबंधित शाखा से इसकी जानकारी लेकर ही कुछ कहा जा सकता है!”- नरेन्द्र सिन्हा,डीईओ,जशपुर
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा