CG Election 2023 :– छत्तीसगढ़ प्रदेश में 5 दिनों के पश्चात 20 सीटों पर मतदान होगा। हालांकि, सत्तारूढ़ कांग्रेस (Congress) और विपक्षी BJP ने अभी तक अपने चुनावी घोषणापत्र (Poll Manifesto) जारी नहीं किए हैं।
राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने अपने चुनावी वादों की घोषणा की है। जैसे कि किसानों की कर्ज माफी, जाति सर्वे कराना, धान-खरीद की कीमत में बढ़ोतरी और LPG सिलेंडर की कीमतों में भारी कटौती। जबकि जमीनी स्तर पर BJP नेता अभी भी असमंजस में हैं कि क्या वादा किया जाए और कैसे चुनाव प्रचार किया जाए।
फिलहाल, बस्तर संभाग की सात विधानसभा सीटों की यात्रा से पता चलता है कि BJP उम्मीदवार और वरिष्ठ नेता प्रचार में संघर्ष कर रहे हैं। जबकि कांग्रेस नेता किसान मुद्दों और अलग-अलग वित्तीय सहायता योजनाओं की घोषणा के साथ पूरी ताकत लगा रहे हैं। इन सीटों पर पहले चरण में मतदान होगा।
छत्तीसगढ़ राज्य इकाई के वरिष्ठ BJP नेता अब इस चुनावी मौसम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राज्य की पहली यात्रा पर भरोसा कर रहे हैं। BJP के सूत्रों ने बताया कि PM मोदी 2 नवंबर को कांकेर में चुनावी रैली करने वाले हैं।
जानकारी के मुताबिक, एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने कहा, “हमारा जल्द ही घोषणापत्र आएगा। ये विशेष और आश्चर्य से भरा होने वाला है। छत्तीसगढ़ में हमारी लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है। यहां कम से कम आधा दर्जन घोटाले चल रहे हैं। वरिष्ठ नौकरशाह और कैबिनेट मंत्री धान खरीद, एक्साइज ड्यूटी और खनन घोटालों समेत अलग-अलग घोटालों में कथित संलिप्तता के लिए जांच के दायरे में हैं।”
क्या हैं चुनौतियां?
फिलहाल, BJP नेताओं और उम्मीदवारों को अलग-अलग चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। बस्तर में आदिवासी उम्मीदवारों को आर्थिक तंगी का भी सामना करना पड़ रहा है। राज्य का चुनाव पीएम मोदी के नाम पर लड़ा जा रहा है और पार्टी ने दूसरे राज्यों की तरह मुख्यमंत्री पद के चेहरे की घोषणा नहीं की है।
फिलहाल, बस्तर रीजन के एक और वरिष्ठ नेता ने कहा, “हमारी पार्टी ने बंगाल और कर्नाटक में बिना चेहरे के चुनाव लड़ा। दोनों राज्यों में हम हार गए। लोग जानना चाहते हैं कि वे किसे वोट दे रहे हैं। वे सीएम चेहरे के बारे में जानना चाहते हैं, लेकिन हमारे पास कोई जवाब नहीं है और हम हमेशा मोदी जी के नाम पर वोट मांगते हैं।”
उन्होंने कहा, “ये आम चुनावों के लिए काम करता है, लेकिन राज्य चुनावों के लिए, हमें नेता को जानना होगा और लोगों को अनुमानित मुख्यमंत्री को जानना होगा। हमारे लिए लोगों को समझाना मुश्किल होता जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस को अभी तक घोषणा पत्र लाना बाकी है। लेकिन उनके नेताओं ने कर्ज माफी समेत कई योजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने सफलतापूर्वक अपनी पार्टी के पक्ष में जमीन तैयार कर ली है, और हम अभी भी उस मोर्चे पर पीछे हैं।”
बता दें कि, राज्य सरकार के एक सर्वे के अनुसार, छत्तीसगढ़ में लगभग 41 प्रतिशत OBC आबादी है। गांधी ने अपनी पार्टी के सत्ता में आने पर जाति सर्वे कराने की घोषणा की। बीजेपी नेताओं के मुताबिक, जाति सर्वे कराने का वादा एकजुट हिंदू वोटों को तोड़ सकता है और OBC आबादी, जो परंपरागत रूप से बीजेपी को वोट देती है, विभाजित हो सकती है।
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर