रोहित यादव ( प्रतापपुर ):- प्रतापपुर पुलिस अनुभाग के अंतर्गत एक गंभीर घटना सामने आई है, जिसमें आरोपी धर्मजीत पिता बलजीत द्वारा 21 अक्टूबर 2024 को टांगी से वार कर लरंगसाय चेरवा की हत्या कर दी गई। मृतक लरंगसाय चेरवा, ग्राम रमकोला, जिला सूरजपुर का निवासी था, जो लगभग 42 वर्ष का था। हत्या के बाद आरोपी धर्मजीत ने स्वयं थाने पहुंचकर आत्मसमर्पण कर दिया। घटना के बाद, आरोपी को थाने में ए.एस.आई विनोद कवर की निगरानी में रखा गया। आरोप है कि विनोद कवर ने आरोपी को थाने के लॉकअप में रखने के बजाय अपने निजी हेडक्वार्टर में कम्बल और तकिया देकर सुला दिया। इस दौरान, मृतक के साढ़ू शिवकुमार सोनपाकर, जो ग्राम पंचायत बड़बार के सरपंच पति हैं, ने लगभग रात 10-11 बजे थाने जाकर विनोद कवर से इस बारे में प्रश्न किया। सरपंच पति द्वारा आरोपी को लॉकअप में न रखने पर सवाल उठाने पर ए.एस.आई विनोद कवर ने उनके साथ अभद्र भाषा में गाली-गलौज की और धमकियां दीं। ए.एस.आई विनोद कवर ने सरपंच पति को अपशब्द कहते हुए चुनौती दी कि वे चाहे आई.जी., डी.आई.जी. या एस.पी. के पास भी चले जाएं, लेकिन उनका कुछ नहीं बिगड़ सकता। इस अपमानजनक व्यवहार से चेरवा समाज में गहरा आक्रोश फैल गया है। चेरवा समाज ने पुलिस से आरोपी धर्मजीत पिता बलजीत को जल्द से जल्द फांसी की सजा देने की मांग की है। इसके साथ ही ए.एस.आई विनोद कवर के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की जा रही है, जिसमें उन्हें तत्काल निलंबित करने की अपील की गई है। समाज का कहना है कि अगर न्याय नहीं मिलता है तो वे थाना, ब्लॉक और जिला स्तर पर घेराव करेंगे।चेरवा समाज का आग्रह है कि इस घटना के संबंध में थाने के सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि आरोपी को लॉकअप में रखा गया था या नहीं। पुलिस प्रशासन पर इस मामले में उचित कार्यवाही करने का दबाव बढ़ता जा रहा है।
समाज ने स्पष्ट किया है कि यदि समय रहते आरोपी को कड़ी सजा और ए.एस.आई विनोद कवर को निलंबित नहीं किया गया, तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
ज्ञात हो कि नक्सली क्षेत्र होने पर प्रतापपुर के सुदूर वनांचल क्षेत्र रामकोला में थाना का निर्माण किया गया था जहां लोगों को उचित न्याय मिल सके तथा आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के कारण लोगोंको न्याय के लिए भटकना न पड़े तथा पुलिसिंग कार्यवाही तथा क्षेत्र में शांति बनी रहे मगर रामकोला थाना के लचर व्यवस्था की वजह से एक बार नहीं कई बार थाना सुर्खियों में रहा है जिस विषय में हमेशा थाना का घेराव होते रहता है पुलिस अपने रोग से आदिवासी टपके के लोगों को दबाना चाहती है। जिससे लोगों में बार-बार आक्रोश फैल जा रहा है और पुलिस और आरोपी मिलकर सुदूर वनांचल क्षेत्र आदिवासी ग्रामीण होने के कारण हमेशा अपने मनमानी करते नजर आते हैं तथा जिले में बैठ बड़े अधिकारियों की नजर व सही मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण क्षेत्र में आम जनता के बीच पुलिस अपना ख्वाब बनकर अवैध वसूली करने में लगी हुई है। इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग किए हैं नहीं तो आने वाला समय में और भी आंदोलन तेज करते हुए कई तरह के घटना को अंजाम आक्रोशित ग्रामीण दे सकते हैं। इस विषय में पुलिस एसडीओपी अरुण नेताम ने कहा कि मामला को किसी तरह से अभी फिलहाल शांत किया गया है कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी तथा आरोपी सहित पुलिस की मिली भगत होने पर निलंबन की कार्यवाही की जाएगी एवं विभागीय जांच होगी इस विषय में तत्काल सूरजपुर एसपी से चर्चा कर तत्काल कार्रवाई करने का अनुशंसा करूंगा