Chhattisgarh News :– मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने एक महत्वपूर्ण पहल के तहत ‘बिजली सखी योजना’ का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय बगिया में आयोजित इस कार्यक्रम में बगीचा विकास खंड की 21 स्व-सहायता समूह की महिलाओं को बिजली सखी के रूप में चुना गया, जिन्हें मुख्यमंत्री ने विशेष बिजली किट प्रदान किए।
इस मौके पर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या साय भी उपस्थित रहीं।
हालांकि, इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि बिजली सखी योजना अभी केवल बगीचा ब्लॉक में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है। बिजली सखी गांवों में मीटर रीडिंग करके वहीं उपभोक्ता को बिजली बिल देंगी। जिससे उपभोक्ता समय पर बिल पटाकर अधिक बिल बढ़ने,फिर उसे पटाने के बोझ से बचेगा।पहले समय पर बिल नहीं पहुंचने से लोग ज्यादा बिल आ जाने की शिकायत करते थे। जिसे रोकने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। यह प्रयोग सफल होता है तो इसे जशपुर जिले में लागू किया जाएगा,फिर पूरे प्रदेश में बिजली सखी योजना चलेगी।उन्होंने स्व सहायता समूह से जुड़ीं सभी बिजली सखियों को लखपति दीदी बनने की शुभकामना दी।
वहीं, बिजली सखी योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाकर उन्हें रोजगार से जोड़ना है। जशपुर जिले के कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल के निर्देशन में इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रारंभ किया गया है, जहां बिजली सखी बनने वाली महिलाओं को मीटर रीडिंग का प्रशिक्षण दिया गया है। योजना के तहत महिलाओं को प्रत्येक घर की मीटर रीडिंग लेने पर 12 रुपये का भुगतान किया जाएगा, जिससे उन्हें नियमित आय होगी और उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी।
फिलहाल, मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कहा, “बिजली सखी योजना महिलाओं के लिए एक स्वर्णिम अवसर है। यह योजना उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी और रोजगार के नए द्वार खोलेगी।” उन्होंने योजना के सफल क्रियान्वयन पर जिला प्रशासन और जनपद पंचायत बगीचा के प्रयासों की सराहना की।
दरअसल, योजना के पीछे प्रमुख विचार यह है कि मीटर रीडर की कमी के कारण उपभोक्ताओं को अक्सर असमान्य बिजली बिल का सामना करना पड़ता है। अब बिजली सखी द्वारा नियमित मीटर रीडिंग से उपभोक्ताओं को समय पर बिल मिल सकेगा, जिससे उन्हें बिल के भुगतान में सहूलियत होगी और बिजली विभाग की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी। बगीचा एसडीएम ओंकार यादव ने बताया कि इस योजना का लक्ष्य 300 महिलाओं को बिजली सखी बनाकर उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करना है। वर्तमान में 21 महिलाओं को इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत नियुक्त किया गया है। इस पहल से जशपुर जिले की महिलाओं को न केवल रोजगार मिलेगा, बल्कि वे आर्थिक रूप से सशक्त होकर ‘लखपति दीदी’ के रूप में उभरेंगी। राज्य सरकार की इस नई पहल से अन्य जिलों में भी महिलाओं को रोजगार और आत्मनिर्भरता का बड़ा अवसर मिलेगा, जिससे राज्य में महिला सशक्तिकरण को नई दिशा मिलेगी।