इस बड़े आतंकी हमले के बाद देशभर में बदले की आग सुलगने लगी. लोग मांग कर रहे थे कि आतंकियों को सबक सिखाया जाना चाहिए.पाकिस्तान जैसे पड़ोसी मुल्क से भारत को कई बार नुकसान उठाना पड़ा है, पाकिस्तान में मौजूद आतंकी संगठन लगातार भारत में घुसपैठ की कोशिश करते हैं और आतंकी हमलों को अंजाम दिया जाता है. ऐसी ही एक कायराना हरकत 16 सितंबर 2016 को भी हुई थी. जब आतंकियों ने सोये हुए भारतीय सेना के जवानों पर हमला कर दिया. सेना के कैंप में हुए इस हमले में 18 जवान शहीद हुए थे, लेकिन इसके बाद जो जवाब पाकिस्तानी आतंकियों को मिला उसकी गूंज अब तक उनके कानों में होगी. आतंकी हमले के 11 दिन बाद भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर इसका बदला ले लिया था. कैसे हुआ था उरी हमला
दरअसल जम्मू-कश्मीर के उरी में भारतीय सेना का एक कैंप था. इसी कैंप में आतंकियों ने हमला करने की साजिश रची थी. हमला सुबह सूरज निकलने से ठीक पहले किया गया, जब तमाम जवान नींद में थे. चार आतंकी कैंप में घुसे और ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. सोये जवानों के टेंटों में आग लगा दी गई. ये हमला घात लगाकर किया गया, इसलिए जवानों को बचने का मौका नहीं मिला. इसका नतीजा ये रहा कि भारत ने अपने 18 जवान खो दिए. वहीं चारों आतंकियों को बाद में मार गिराया गया.सुलग रही थी बदले की आग
इस बड़े आतंकी हमले के बाद देशभर में बदले की आग सुलगने लगी. लोग मांग कर रहे थे कि आतंकियों को सबक सिखाया जाना चाहिए. इस दौरान सरकार की तरफ से कुछ नहीं कहा गया, लेकिन पर्दे के पीछे बदला लेने की पूरी स्क्रिप्ट लिखी जा रही थी. किसी को भी इसकी कोई भी भनक नहीं लगी. इस पूरे ऑपरेशन के लिए आतंकी ठिकानों की पहचान की गई, तय हुआ कि हमला कहां करना है और कहां आतंकी कैंप मौजूद हैं. इसके बाद 29 सितंबर 2016 की देर रात भारत के पैरा कमांडो का एक दल पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में दाखिल हुआ. करीब 3 किलोमीटर अंदर घुसने के बाद भारतीय सेना के जवानों ने अपना ये खास ऑपरेशन शुरू किया. जवानों ने पीओके में मौजूद तमाम आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया.
इस पूरे ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तानी सेना को जरा भी भनक नहीं लग पाई. जैसे ही पाकिस्तान को इसकी भनक लगी, उसने अपने फाइटर जेट्स को सीमा पर भेजा, लेकिन भारतीय सेना अपना काम करके वापस लौट चुकी थी. पाकिस्तान के हाथ कुछ भी नहीं लग पाया. इस पूरे हमले में करीब 50 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया गया. इस ऑपरेशन को सर्जिकल स्ट्राइक का नाम दिया गया. खुद पीएम मोदी ने इस बात को देश के सामने रखा, जिसके बाद पूरे देशभर में इसका जश्न मनाया गया.