Wayanad Tragedy: वायनाड लैंडस्लाइड में अब तक 275 की मौत, 200 अब भी लापता, 400 घरों के गांव में सिर्फ 45 मकान बचे, आज पहुंचेंगे राहुल-प्रियंका गांधी

Wayanad Tragedy: केरल (Kerala Landslide) में कुदरत का कहर बरपा है। केरल के वायनाड (Wayanad Landslide) जिले में विगत मंगलवार (30 जुलाई) सुबह तीन घंटे में आए चार लैंडस्लाइड में अबतक 275 लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही 200 से अधिक लोग अब भी लापता है। मौतों के आंकड़ा पल-पल बदल रहा है। वहीं प्रशासन ने अभी तक सिर्फ 249 मौतों की पुष्टि की है। 8 हजार से ज्यादा लोग रिलीफ कैंप में हैं। लैंडस्लाइड आने वाली जगह पर 400 घरों के गांव में सिर्फ 45 मकान बचे हैं। मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां भी बह गईं। भू-स्खलन के बाद हर तरफ सिर्फ तबाही का मंजर है। अभी तक 3 हजार लोगों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं सेना का राहत व बचाव कार्य जारी है. इस बीच आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) भी वायनाड के लिए रवाना हो गए हैं। लैंडस्लाइड वाले एरिया में पहुंचकर आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात करेंगे। इधर भारी बारिश के बीच कीचड़, चट्टानों और पेड़ों के बड़े-बड़े टुकड़ों की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चूरलमाला को मुंडक्कई के बीच जो पुल ढह गया था उसे सेना के जवान फिर से बनाने में जुटे हैं जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आ सके। उम्मीद है कि आज दोपहर तक चूरलमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाला 190 फीट का यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा। सीएम विजयन का बयान केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को कहा कि एनडीआरएफ, सेना और अन्य एजेंसियों द्वारा समन्वित और व्यापक बचाव अभियान ने सुनिश्चित किया कि वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से 1,500 से अधिक लोगों को बचाया गया है। विजयन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, दो दिवसीय बचाव अभियान में 1,592 लोगों को बचाया गया। इतने कम समय में इतने लोगों को बचाने के लिए समन्वित और व्यापक अभियान की यह उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में आपदा के आसपास के इलाकों के 68 परिवारों के 206 लोगों को तीन शिविरों में शिफ्ट किया गया, इसमें 75 पुरुष, 88 महिलाएं और 43 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि भूस्खलन के बाद चल रहे बचाव अभियान में फंसे हुए 1,386 लोगों को बचाया गया। उन्होंने कहा, इसमें 528 पुरुष, 559 महिलाएं और 299 बच्चे शामिल हैं, जिन्हें सात शिविरों में भेजा गया है। दो सौ एक लोगों को बचाकर अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से 90 का अभी इलाज चल रहा है। विजयन ने कहा कि वायनाड जिले में 82 राहत शिविरों में फिलहाल 8,017 लोग रह रहे हैं इनमें 19 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। मेप्पाडी में आठ शिविर हैं, जहां 421 परिवारों के 1,486 लोग रह रहे हैं। मौसम विभाग ने वायनाड समेत 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया कुदरत की मार झेल रहे केरल को अभी और दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इधर मौसम विभाग ने वायनाड समेत 5 जिलों मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड कन्नूर और कासरगोड जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जबकि एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर और पलक्कड़ जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। 2018 में आई बाढ़ ने 483 लोगों की ली थी जान बता दें कि केरल में अगस्त 2018 में आई भीषण बाढ़ में 483 लोगों की मौत हो गई थी। इसे राज्य की सदी की बाढ़ कहा गया था। इस विनाशकारी आपदा ने न केवल लोगों की जान ली, बल्कि संपत्ति और आजीविका को भी नष्ट कर दिया था। इसका असर इतना ज्यादा था कि केंद्र सरकार ने 2018 की बाढ़ को डिजास्टर ऑफ सीरियस नेचर घोषित किया था। इस हादसे के बाद 3.91 लाख परिवारों के 14.50 लाख से अधिक लोगों को राहत शिविरों में पुनर्वासित किया गया था। कुल 57,000 हेक्टेयर कृषि फसलें नष्ट हो गईं थीं। 2018 में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा प्रेग्नेंट महिलाओं को एयरलिफ्ट करने की तस्वीरें केरलवासियों के जेहन में अभी भी ताजा हैं। 2018 की बाढ़ से तबाह केरल के पुनर्निर्माण के दौरान पर्यावरण के अनुकूल निर्माण की आवश्यकता पर भी सवाल उठाए गए थे।

Wayanad Tragedy: वायनाड लैंडस्लाइड में अब तक 275 की मौत, 200 अब भी लापता, 400 घरों के गांव में सिर्फ 45 मकान बचे, आज पहुंचेंगे राहुल-प्रियंका गांधी
Wayanad Tragedy: केरल (Kerala Landslide) में कुदरत का कहर बरपा है। केरल के वायनाड (Wayanad Landslide) जिले में विगत मंगलवार (30 जुलाई) सुबह तीन घंटे में आए चार लैंडस्लाइड में अबतक 275 लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही 200 से अधिक लोग अब भी लापता है। मौतों के आंकड़ा पल-पल बदल रहा है। वहीं प्रशासन ने अभी तक सिर्फ 249 मौतों की पुष्टि की है। 8 हजार से ज्यादा लोग रिलीफ कैंप में हैं। लैंडस्लाइड आने वाली जगह पर 400 घरों के गांव में सिर्फ 45 मकान बचे हैं। मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टामाला और नूलपुझा में घर, पुल, सड़कें और गाड़ियां भी बह गईं। भू-स्खलन के बाद हर तरफ सिर्फ तबाही का मंजर है। अभी तक 3 हजार लोगों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं सेना का राहत व बचाव कार्य जारी है. इस बीच आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) भी वायनाड के लिए रवाना हो गए हैं। लैंडस्लाइड वाले एरिया में पहुंचकर आपदा प्रभावित परिवारों से मुलाकात करेंगे। इधर भारी बारिश के बीच कीचड़, चट्टानों और पेड़ों के बड़े-बड़े टुकड़ों की वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। चूरलमाला को मुंडक्कई के बीच जो पुल ढह गया था उसे सेना के जवान फिर से बनाने में जुटे हैं जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी आ सके। उम्मीद है कि आज दोपहर तक चूरलमाला को मुंडक्कई से जोड़ने वाला 190 फीट का यह पुल बनकर तैयार हो जाएगा। सीएम विजयन का बयान केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने बुधवार को कहा कि एनडीआरएफ, सेना और अन्य एजेंसियों द्वारा समन्वित और व्यापक बचाव अभियान ने सुनिश्चित किया कि वायनाड जिले के भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों से 1,500 से अधिक लोगों को बचाया गया है। विजयन ने मीडिया से बात करते हुए कहा, दो दिवसीय बचाव अभियान में 1,592 लोगों को बचाया गया। इतने कम समय में इतने लोगों को बचाने के लिए समन्वित और व्यापक अभियान की यह उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में आपदा के आसपास के इलाकों के 68 परिवारों के 206 लोगों को तीन शिविरों में शिफ्ट किया गया, इसमें 75 पुरुष, 88 महिलाएं और 43 बच्चे शामिल हैं। उन्होंने बताया कि भूस्खलन के बाद चल रहे बचाव अभियान में फंसे हुए 1,386 लोगों को बचाया गया। उन्होंने कहा, इसमें 528 पुरुष, 559 महिलाएं और 299 बच्चे शामिल हैं, जिन्हें सात शिविरों में भेजा गया है। दो सौ एक लोगों को बचाकर अस्पताल ले जाया गया, जिनमें से 90 का अभी इलाज चल रहा है। विजयन ने कहा कि वायनाड जिले में 82 राहत शिविरों में फिलहाल 8,017 लोग रह रहे हैं इनमें 19 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। मेप्पाडी में आठ शिविर हैं, जहां 421 परिवारों के 1,486 लोग रह रहे हैं। मौसम विभाग ने वायनाड समेत 7 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया कुदरत की मार झेल रहे केरल को अभी और दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। इधर मौसम विभाग ने वायनाड समेत 5 जिलों मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड कन्नूर और कासरगोड जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जबकि एर्नाकुलम, इडुक्की, त्रिशूर और पलक्कड़ जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। 2018 में आई बाढ़ ने 483 लोगों की ली थी जान बता दें कि केरल में अगस्त 2018 में आई भीषण बाढ़ में 483 लोगों की मौत हो गई थी। इसे राज्य की सदी की बाढ़ कहा गया था। इस विनाशकारी आपदा ने न केवल लोगों की जान ली, बल्कि संपत्ति और आजीविका को भी नष्ट कर दिया था। इसका असर इतना ज्यादा था कि केंद्र सरकार ने 2018 की बाढ़ को डिजास्टर ऑफ सीरियस नेचर घोषित किया था। इस हादसे के बाद 3.91 लाख परिवारों के 14.50 लाख से अधिक लोगों को राहत शिविरों में पुनर्वासित किया गया था। कुल 57,000 हेक्टेयर कृषि फसलें नष्ट हो गईं थीं। 2018 में भारतीय वायुसेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा प्रेग्नेंट महिलाओं को एयरलिफ्ट करने की तस्वीरें केरलवासियों के जेहन में अभी भी ताजा हैं। 2018 की बाढ़ से तबाह केरल के पुनर्निर्माण के दौरान पर्यावरण के अनुकूल निर्माण की आवश्यकता पर भी सवाल उठाए गए थे।