धान खरीदी केंद्र में भौतिक सत्यापन की मांग, करोड़ों का हो सकता है गोलमाल ,  समिति प्रबंधक बेख़ौफ़ होकर दे रहे भ्रष्टाचार को अंजाम वही जिम्मेदारों ने साध ली है चुप्पी

धान खरीदी केंद्र में भौतिक सत्यापन की मांग, करोड़ों का हो सकता है गोलमाल  ,  समिति प्रबंधक बेख़ौफ़ होकर दे रहे भ्रष्टाचार को अंजाम वही जिम्मेदारों ने साध ली है चुप्पी

रोहित यादव ( प्रतापपुर ) :- प्रतापपुर विकासखंड के चंदौरा,कोटिया,जगन्नाथपुर, दावनकारा,सोनगरा,धान खरीदी केंद्र में भौतिक सत्यापन करने की मांग हो रही है।किसानों के साथ कर रहे अन्याय जिसको देख लगातार खबर प्रकाशन के बाद भी जिले की निगरानी समिति ने साध लि है चुप्पी जहां भारी अनियमिता देखने को मिल रहा, किसानों से ही मंडी का संपूर्ण कार्य करवाया जा रहा चाहे हमाली का कार्य हो या हो धान का वजन सभी में किसानों के हक को मारकर समिति प्रबंधक मोटा पैसा कमाने की फिराक पर है जो किसानों का कर रहा शोषण जिसको लेकर जिम्मेदारों के द्वारा देखते हुए भी कर रहे है अनदेखा। तथा प्रतिबोरी 1 किलो अधिक धान खरीदी जा रही है तथा हमली के नाम पर लाखों रुपएकी काला कारनामा किया जा रहा है शासन प्रशासन की चुप्पी ने यह जाहिर कर दिया है की जमकर भ्रष्टाचार क्षेत्र में धड़ले से चल रहा है

जिले के निगरानी समिति पर उठ रहे सवाल

किसानों से अन्याय को देखते हुए स्थानीय लोगों द्वारा शिकायत भी किया जा रहा है जिसका कोई सुनवाई नहीं हो रहा। लेकिन ना तो जांच अधिकारियों के द्वारा जांच किया ना ही किसानों को आश्वासन दिया, जिसको देखते हुए किसानों ने नाराजगी जाहिर करते हुए अपना व्यथा पत्रकारों को सुना रहे हैं लगातार खबर प्रकाशन करने के बाद भी जिले के अधिकारी द्वारा ठोस कार्यवाही नहीं किया जाता और मौके पर पहुंच मामले को रफा दफा करने में लग जाते है फिर किसानों की व्यथा कौन सुनेगा जब किसान के साथ न्याय करने वाला ही भ्रष्टाचारियो को संरक्षण दे फिर किसान को न्याय कैसे मिलेगी।

प्रतिबोरी किसानों 41किलो 700 ग्राम के हिसाब से धान लिया जा रहा जिसमें समिति प्रबंधक लाखो का मुनाफा हो रहा और किसानों को नुकसान जिसको लेकर किसान काफी परेशान है किसानों से निर्धारित वजन से ज्यादा धान लेना शासन प्रशासन के नियम के विरुद्ध है फिर भी अधिकारी देखते हुए भी कार्यवाही नहीं कर रहे किसानों के द्वारा समिति प्रबंधक को बोले धान तो 40 किलो 700 ग्राम ही लेना है आपको जो नियम में और कलेक्टर का निर्देश भी है लेकिन जगन्नाथपुर समिति प्रबंधक द्वारा कहा जा रहा धान बेचना है तो 41 किलो 700 ग्राम धान देना ही होगा नहीं दोगे तो धान नहीं खरीदूंगा जिसको बताना है बता दो जिसको लेकर खबर प्रशासन भी हुआ था लेकिन कोई फर्क नहीं और जिले के अधिकारियों द्वारा समिति प्रबंधक के ऊपर कोई ठोस कार्यवाही नहीं किया गया जिसको लेकर यह मालूम पड़ता है कि समिति प्रबंधक का वर्चस्व का दबदबा जिले तक है इसीलिए ऐसे कार्यों को बखूबी अंजाम दिया जा रहा किसानों के प्रति किसी प्रकार से नहीं है सहानुभूति

निष्पक्ष जांच व भौतिक सत्यापन हो तो निकल सकता है लाखों करोड़ों का घोटाला

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अगर प्रशासन के द्वारा0धान खरीदी केंद्र का निष्पक्ष जांच करे तो लाखों करोड़ों का घोटाला निकल सकता है क्योंकि जब से धान खरीदी आरंभ हुआ है तब से बिचौलियों, दलालों का धान खरीदी केंद्र में बराबर आना-जाना लगा रहता है जिसको लेकर यह कयास लगाया जा रहा की घोटाला बड़े पैमाने का होने की आशंका जिसको देखते हुए समय पर शासन प्रशासन जांच कर कड़ी कार्रवाई नहीं करती है तो सरकार को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।

इस विषय में एसडीएम ललिता भगत ने कहा कि कलेक्टर सूरजपुर के दिशा निर्देश पर निरंतर छापा मार कार्यवाही कर घोटाले को उजागर किया जाएगा जो करोड़ों रुपए का धान घोटाला करने वाले समिति प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और हमाली का नाम से पैसा लेने वाला और अधिक धन लेने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी