जशपुर: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिव्यांग संघ ने अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन" पिछले 26 मार्च से रायपुर में दे रहे हैं धरना.... पढ़िए पूरी खबर 

जशपुर: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर दिव्यांग संघ ने अपर कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन" पिछले 26 मार्च से रायपुर में दे रहे हैं धरना.... पढ़िए पूरी खबर 

जशपुर नगर:- छत्तीसगढ़ दिव्यांग सेवा संघ 26 मार्च से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आज पर्यंत तक रायपुर में स्थित धरने स्थल में बैठे हुए हैं हालांकि प्रशासन या सरकार की ओर से अभी तक कोई बयान अथवा पहल नहीं की गई है जिसको लेकर दिव्यांगजन प्रत्येक जिलों में कलेक्टर को ज्ञापन सौंप कर समस्याओं से अवगत करा रहे हैं । 

क्या है इनकी प्रमुख मांगे

इस संबंध में दिव्यांग संघ के अध्यक्ष ने बताया कि- हमारे संघ के शिकायती पत्रो मे उल्लेखित एवं संलग्न छ.ग. पी.एस.सी से चयनित 7 डिप्टी कलेक्टर 3 लेखा अधिकारी, 3 नायब तहसीलदार 2 सहकारिता निरिक्षक, 3 पशु चिकित्सक सहित 127 एवं 24 कुल 151 समस्त फर्जी दिव्यांगजनो का राज्य मेडिकल बोर्ड से दिव्यांगता का भौतिक परीक्षण कराकर फर्जियो को तत्काल बर्खास्त किए जाने की मांग की गई है । 

2. समस्त विभाग में दिव्यांग कोटे के बैकलॉग पदो पर विशेष भर्ती अभियान विज्ञापन जारी किया जावे। परिपत्र जारी किया जा चुका है। वित्त विभाग ने 31.3.25 तक भर्ती में छूट भी दिया है लेकिन आज दिनांक तक किसी भी विभाग के द्वारा विज्ञापन जारी नहीं किया गया है।

3. दिव्यांगजनो दिव्यांग वंदन योजना बनाकर प्रतिमाह 5000 रू मासिक पेंशन दिया जावे। बी.पी.एल. की बाध्यता खत्म किया जावे। अन्य राज्यो मे पेंशन 3000 एवं 4500 है। हमारे राज्य में 5000 प्रतिमाह किया जाये। इस राज्य में मात्र 276098 लोग 40 या उससे अधिक प्रतिशत के दिव्यांग है। इनमे से लगभग 25000 लोगो के पास फर्जी दिव्यांग प्रमाण होगा। यदि 250000 लोगो को 5000 प्रतिमाह पेंशन दिया जाए । शासन पर प्रतिमाह मात्र 125 करोड रुपये का अतिरिक्त भार आयेगा जो कि महतारी वंदन योजना 700 करोड प्रतिमाह से 600 प्रतिशत कम है।

4. 21 वर्ष से अधिक आयु के अविवाहित दिव्यांग युवती को महतारी वंदन योजना में शामिल किया जाये। दिव्यांगता के कारण शादी न होने पर महतारी वदन का लाभ 5000 रु मासिक पेंशन के आलावा अलग से दिया जावे । 

5 शासकीय पदो पर नियुक्त दिव्यांग शासकीय अधिकारियो कर्मचारियों की पदोन्नती पर 3 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है जिसे कोई विभाग पालन नहीं कह रहा है। शासन के निर्धारित मापदंड अनुसार 3 प्रतिशत पदो पर 1.11.2016 से पदोन्नत पदो की गणना कर तत्काल उसके 3 प्रतिशत पर पदोन्नती प्रदान करे। इस हेतू परिपत्र जारी किया जाये। शासन प्रशासन कोर्ट कभी भी दिव्याग कर्मियों को बदलती में आरक्षण देने पर रोक नहीं है। इसके बावजूद सभी विभाग जानकारी के अभाव में पदोन्नति प्रक्रिया को बाधित करके रखे हैं । 

6. कोरोना काल के पूर्व के स्वरोजगार हेतू दिव्यांगजनी के द्वारा लिए गए निःशक्ता वित्त निगम के कर्ज को माफ किया जाने। कोरोना के पूर्व दिव्यांगजनो के द्वारा लिए गए लोन को माफ किया जावे क्योंकि कोरोना काल में सभी का व्यापार बाधित हो गया था किसी दिव्यांग पर 15 हजार है किसी पर 50 हजार किसी पर एक लाख का कर्ज है जिसे माफ करने की मांग की गई है । 

उक्त मांगे 15 दिवस के अंदर पूरी नहीं होने पर पहले सावन सोमवार को बगिया चौक से मुख्यमंत्री निवास तक पैदल रैली करने का भी आवेदन में जिक्र किया गया है ।