मकर सक्रांति पर 6वें साल कपड़ा मेला, सैकड़ों जरूरतमंद लाभान्वित
मकर सक्रांति पर 6वें साल कपड़ा मेला, सैकड़ों जरूरतमंद लाभान्वित
प्रतापपुर में छोटे पांव मजबूत कदम का आयोजन
छत्तीसगढ़ संवाददाता
प्रतापपुर,14 जनवरी। छोटे पांव मजबूत कदम ने छठवें साल मकर सक्रांति पर कपड़ा मेला का आयोजन किया। प्रतापपुर में श्री अग्रसेन भवन के पास हुए इस आयोजन में सैकड़ों जरूरतमंद लोगों को कपड़े और गर्म कपड़ों का वितरण किया गया।
छोटे पांव मजबूत कदम ने 2020 में अनूठी पहल की शुरूआत की थी और लगातार छठवें साल मकर सक्रांति पर कपड़ा मेला का आयोजन श्री अग्रसेन भवन के पास किया। इसके तहत संस्था द्वारा आम लोगों से अपील की जाती है कि उनके पास जो भी जरूरत से ज्यादा है, उनके पास छोड़ दें ताकि जरूरतमंदों में इनका वितरण किया जा सके।
हर साल लोग बढ़-चढक़र इस मेला में भाग लेते हैं तथा बड़ी संख्या में कपड़े,ग्राम कपड़े देते हैं। छठवें साल भी सहयोग के तौर पर मिले कपड़ों और गर्म कपड़ों का वितरण जरूरतमंदों में किया गया जो नगर के साथ दूर दूर के गांवों से आए थे।
छोटे पांव मजबूत कदम के संयोजक राकेश मित्तल ने बताया कि मकर सक्रांति पर्व पर दान की परंपरा है। हम इस पर्व पर पिछले छह सालों से जरूरतमंदों की कमी को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति पर्व पर आज सैंकड़ों कपड़ों और कंबलों के साथ अन्य सामग्रियों का वितरण किया गया है। संस्था का यह छठवां वर्ष है, जो उपलब्धियों से भरा है।छह वर्षों में जनसहयोग से हजारों स्कूली बच्चों को स्वेटर, जूते-चप्पल,बुजुर्गों और महिलाओं को कंबल, स्कूली बच्चों को छाते, स्लेट, पेंसिल, कॉपियां, पेन, पेंसिल, रबर, कटर व अन्य सामग्री का वितरण किया है। संस्था द्वारा जरूरतमंदों को अन्य कई तरह से भी मदद की जा रही है,पढ़ाई लिखाई हो या जनसहयोग से घर बनाने का काम।संस्था द्वारा गरीबों को खाना खिलाने की शुरुआत भी की गई है।
राकेश मित्तल ने कहा कि छोटे पांव मजबूत कदम पूरी तरह से जनसहयोग पर आधारित है और लोगों के सहयोग से हम निरंतर जनसेवा के काम करते रहेंगे।
छोटे पांव मजबूत कदम के सक्रांति मेला के दौरान नगर के व्यवसायी परिवार ने अपनी माता स्व रामपति देवी मित्तल के जन्म दिन पर भंडारा का आयोजन किया जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस दौरान विकासखंड शिक्षा अधिकारी एमएस धुर्वे,गोपाल श्रीवास्तव,अनिल मित्तल,राकेश मित्तल, धर्मेंद्र श्रीवास्तव,उमेश जायसवाल,अजय मित्तल, ओमप्रकाश आदि उपस्थित थे।
प्रतापपुर में छोटे पांव मजबूत कदम का आयोजन
छत्तीसगढ़ संवाददाता
प्रतापपुर,14 जनवरी। छोटे पांव मजबूत कदम ने छठवें साल मकर सक्रांति पर कपड़ा मेला का आयोजन किया। प्रतापपुर में श्री अग्रसेन भवन के पास हुए इस आयोजन में सैकड़ों जरूरतमंद लोगों को कपड़े और गर्म कपड़ों का वितरण किया गया।
छोटे पांव मजबूत कदम ने 2020 में अनूठी पहल की शुरूआत की थी और लगातार छठवें साल मकर सक्रांति पर कपड़ा मेला का आयोजन श्री अग्रसेन भवन के पास किया। इसके तहत संस्था द्वारा आम लोगों से अपील की जाती है कि उनके पास जो भी जरूरत से ज्यादा है, उनके पास छोड़ दें ताकि जरूरतमंदों में इनका वितरण किया जा सके।
हर साल लोग बढ़-चढक़र इस मेला में भाग लेते हैं तथा बड़ी संख्या में कपड़े,ग्राम कपड़े देते हैं। छठवें साल भी सहयोग के तौर पर मिले कपड़ों और गर्म कपड़ों का वितरण जरूरतमंदों में किया गया जो नगर के साथ दूर दूर के गांवों से आए थे।
छोटे पांव मजबूत कदम के संयोजक राकेश मित्तल ने बताया कि मकर सक्रांति पर्व पर दान की परंपरा है। हम इस पर्व पर पिछले छह सालों से जरूरतमंदों की कमी को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मकर संक्रांति पर्व पर आज सैंकड़ों कपड़ों और कंबलों के साथ अन्य सामग्रियों का वितरण किया गया है। संस्था का यह छठवां वर्ष है, जो उपलब्धियों से भरा है।छह वर्षों में जनसहयोग से हजारों स्कूली बच्चों को स्वेटर, जूते-चप्पल,बुजुर्गों और महिलाओं को कंबल, स्कूली बच्चों को छाते, स्लेट, पेंसिल, कॉपियां, पेन, पेंसिल, रबर, कटर व अन्य सामग्री का वितरण किया है। संस्था द्वारा जरूरतमंदों को अन्य कई तरह से भी मदद की जा रही है,पढ़ाई लिखाई हो या जनसहयोग से घर बनाने का काम।संस्था द्वारा गरीबों को खाना खिलाने की शुरुआत भी की गई है।
राकेश मित्तल ने कहा कि छोटे पांव मजबूत कदम पूरी तरह से जनसहयोग पर आधारित है और लोगों के सहयोग से हम निरंतर जनसेवा के काम करते रहेंगे।
छोटे पांव मजबूत कदम के सक्रांति मेला के दौरान नगर के व्यवसायी परिवार ने अपनी माता स्व रामपति देवी मित्तल के जन्म दिन पर भंडारा का आयोजन किया जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस दौरान विकासखंड शिक्षा अधिकारी एमएस धुर्वे,गोपाल श्रीवास्तव,अनिल मित्तल,राकेश मित्तल, धर्मेंद्र श्रीवास्तव,उमेश जायसवाल,अजय मित्तल, ओमप्रकाश आदि उपस्थित थे।